भगवान श्री कृष्ण के श्रीमद भगवद गीता से 8 अनमोल वचन

“नर्क के तीन द्वार हैं: काम, क्रोध और लोभ।”

“जो आप जो चाहते हैं उसके लिए नहीं लड़ते हैं; तो जो खोया उसके लिए मत रोओ।”

"हम वही देखते हैं जो हम हैं, और हम वही हैं जो हम देखते हैं।"

"कर्म करने में ही तुझे अधिकार है, परिणामों में नहीं। मत कर्मफल की आकांक्षा कर। इस प्रकार कर्मों में आसक्ति नहीं करना चाहिए॥"

"जो हुआ अच्छा हुआ ! जो भी हो रहा है वो अच्छा ही हो रहा है ! और जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।"

“बुरे ‘कर्म’ करने नहीं पड़ते हो जाते है, और अच्‍छे ‘कर्म’ होते नहीं करने पड़ते हैं !"

यह प्रकृति है जो सभी गतियों का कारण बनती है। अहंकार से मोहित, मूर्ख उस धारणा को धारण करता है जो कहती है “मैंने किया”

"मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है !किंतु प्रगति के लिए सदैव आचरण पर ही ध्यान देना चाहिए !"

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